बीते कुछ वर्षो से अमेरिका और चीन के बीच विश्व शक्ति के रूप में अपना दबदबा बनाने को लेकर खींचतान तेज हुई है। डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद अमेरिका लगातार चीन समेत कई देशों के खिलाफ आक्रामक रहा है। हाल के वर्षों में दोनों के बीच चले लंबे व्यापार युद्ध से विश्व अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ है। वर्तमान में कोरोना महामारी की वजह से यह तनातनी एक बार फिर से तेज हो गयी है। वही दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता से क्षेत्रीय अंशाति और भूराजनीतिक अस्थिरता का भी खतरा पैदा हो गया है। अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते गतिरोध, बदलते भूराजनीतिक हालातों पर केन्द्रित है।
चीन के वुहान से निकले कोरोना वायरस से पूरी दुनिया थम सी गयी है। इसमें अमेरिका की हालत तो सबसे ज्यादा खराब हो चुकी है। विश्वशक्ति के रूप में धौस जमानेवाला अमेरिका कोरोना वायरस को रोकने में बेबस नजर आ रहा है। अमेरिका में दस लाख से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हैं और यह आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना वायरस के लिए लगातार चीन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस को लेकर चीन का रवैया इस बात का सबूत है कि बीजिंग उन्हें राष्ट्रपति पद से हटाने के लिए कुछ भी करेगा। चुनाव हराने की कोशिश का आरोप लगाते हुए ट्रंप ने कहा कि वह हार जाएं इसके लिए चीन जो कुछ भी कर सकता है करेगा।
वुहान में कोरोना वायरस से संक्रमण के फैलाव और उससे जुड़ी जानकारी पर पर्दा डालने की कोशिश के कारण अमेरिका ही नहीं, बल्कि कई अन्य देश भी सवाल खड़े कर रहे हैं। चारों तरफ से बनते दबाव के जवाब में चीन इस वायरस के संक्रमण के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहरा रहा है। अमेरिका में संक्रमण के बढ़ते मामलों और मौतों के लिए ट्रंप की लापरवाही को बड़ी वजह बता रहा है। हालांकि, अमेरिका भले ही चीन को कार्रवाई की धमकी दे रहा है, लेकिन यह बिलकुल भी आसान नहीं है।
चीन को हराने के लिए ट्रंप प्रशासन लंबी योजना पर काम कर रहा है। ट्रंप के इस रुख से दोनों देशों के बीच में नफरत और बढेगी. ट्रंप प्रशासन द्वारा संकट का पूर्वानुमान नहीं लगाने और इस समस्या से निपटने में हुई गलती की वजह से अब तक 65,000 से अधिक अमेरिका की मौत हो चुकी है। इस वर्ष के आखिर में प्रस्तावित राष्ट्रपति चुनाव से पहले तमाम सवालों से घिरे ट्रंप लोगों का ध्यान भटकाने के लिए आक्रामक होकर बीजिंग पर दोष मढ़ रहे हैं। प्रशासन की तरफ से खुफिया एजेंसियों पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे इस बात की तहकीकात करे कि क्या वायरस चीन के वुहान शहर की प्रयोगशाला से ही लोगों में फैला है।
विश्व की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं लंबे समय से व्यापार युद्ध में उलझी हुई है। दोनों ही आयातित उत्पाद बढ़ाकर वैश्रिक अर्थव्यवस्था को खतरे में डालते रहे हैं। चीन और अमेरिका ने एक-दूसरे के उत्पादों पर हजारों बिलियन डॉलर के कर लगाये हुए हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार चीन पर अनुचित व्यापार नीतियों के इस्तेमाल एवं बौद्धिक संपदा के चोरी का आरोप लगाते रहे हैं। वहीं चीन ने भी अपनी मंशा साफ कर दी है कि इस तरफ के आरोप से अमेरिका वैश्रिक शक्ति बनने की होड़ में आगे निकलना चाहता है। ट्रंप वॉर से बढ़ती अनिश्चितताओं के करण व्यवसायों एवं वैश्रिक अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है। चीन की इस एक लापरवाही का भुगतान पूरी दुनिया कर रहा है।

एमिटी यूनिवर्सिटी
Upasana: good
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteWah
ReplyDeleteNice bhawna❤️
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteDeepanwita Dey : Loved it ♥️
ReplyDeleteGood one
ReplyDeleteNice👍
ReplyDeleteबोहोत बधिया
ReplyDelete